भगवान धन्वंतरी जो विष्णु के बारहवें अवतार थे l

 पंच दिवसीय पर्वों की श्रंखला में प्रथम पर्व धनत्रयोदशी 


 

  • भगवान धन्वंतरी जो विष्णु के बारहवें अवतार थे वो आज अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को हस्त में अमृत कलश लिए समुद्र  मन्थन द्वारा  अवतरित हुए थे। ।
  • पौराणिक विषयो की विशेषता ये है कि वो किसी भी विषय को एक कथा के रूप मे प्रस्तुत करते हैं ताकि वो ज़न साधारण के बुद्धिगम्य हो जाय पर सर्वदा एक गूढ़ रहस्य  संदेश रूप में उस मे निहित होता है
  • यहां अगर आप अपने शरीर के सुमेरु पर्वत (शरीरस्थ षड् चक्र का पूर्ण मार्ग ) को शेष नाग (कुंडलिनी शक्ति ) से बद्ध कर के समुद (ह्दय. मन ) मे दो विपरित ध्रुवो (मूलाधार एवं सहस्रार ) पर आंदोलित करते हैं जैसा कि समुद मंथन मे एक ध्रुव पर देवता एक ध्रुव पर दैत्य तो समस्त रत्नों के साथ अमृत की भी उत्पत्ति होगी

ऐसे भगवान धन्वंतरी अमृत कलश ले के आप के अंतःकरण मे अवतरित हो आपको उत्तम स्वास्थ्य आरोग्यता का वरदान दे एवं माता लक्ष्मी शुभंकर निधि पति गणेश,एवं धनदा कुबेर के साथ आप को  धनधान्य  से परिपूर्ण कर दें

Post a Comment

Previous Post Next Post

Featured Post

YouTube Video Will be live soonNormal White TextButton Text